पात्रता की बात करें तो प्रिंसिपल के लिए मास्टर डिग्री, B.Ed. और प्रशासनिक अनुभव की आवश्यकता है, जबकि PGT के लिए संबंधित विषय में पोस्ट ग्रेजुएशन और B.Ed. आवश्यक है। TGT के लिए स्नातक डिग्री और B.Ed. चाहिए। नॉन-टीचिंग पदों जैसे अकाउंटेंट के लिए कॉमर्स में ग्रेजुएशन, JSA के लिए 12वीं पास और टाइपिंग स्किल्स, लैब अटेंडेंट के लिए 10वीं/12वीं पास और लैब तकनीक का ज्ञान अनिवार्य है। स्टाफ नर्स पद के लिए B.Sc. नर्सिंग और राज्य नर्सिंग परिषद में पंजीकरण होना चाहिए। आयु सीमा भी पदों के अनुसार अलग-अलग रखी गई है—प्रिंसिपल के लिए अधिकतम 50 वर्ष, PGT के लिए 40 वर्ष, TGT के लिए 35 वर्ष और अकाउंटेंट/JSA/लैब अटेंडेंट के लिए 30 वर्ष। आरक्षित वर्गों को नियमानुसार आयु में छूट भी दी जाएगी।
आवेदन शुल्क भी पदों के अनुसार अलग है। सामान्य उम्मीदवारों को प्रिंसिपल पद के लिए ₹2,500, PGT और TGT पदों के लिए ₹2,000 और नॉन-टीचिंग पदों के लिए ₹1,500 शुल्क जमा करना होगा। वहीं महिला उम्मीदवारों, अनुसूचित जाति/जनजाति, ओबीसी और PwBD उम्मीदवारों को केवल ₹500 प्रोसेसिंग शुल्क देना होगा। भुगतान केवल ऑनलाइन माध्यम से ही किया जा सकेगा।
चयन प्रक्रिया तीन चरणों में होगी। सबसे पहले सभी उम्मीदवारों को Tier-I परीक्षा देनी होगी, इसके बाद योग्य उम्मीदवारों को Tier-II विषय आधारित परीक्षा देनी होगी। कुछ पदों जैसे प्रिंसिपल के लिए इंटरव्यू भी होगा। अंतिम रूप से दस्तावेज़ सत्यापन के बाद ही चयनित उम्मीदवारों की नियुक्ति की जाएगी। वेतनमान पदों के अनुसार अलग-अलग है, जैसे प्रिंसिपल को लेवल-12 पे मैट्रिक्स (₹78,800 – ₹2,09,200), PGT को लेवल-8, TGT को लेवल-7 और नॉन-टीचिंग स्टाफ को उनके ग्रेड के अनुसार वेतन मिलेगा।
इस भर्ती की खास बात यह है कि यह आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा के स्तर को सुधारने के लिए एक बहुत बड़ा अवसर है। योग्य उम्मीदवारों के लिए यह सुनहरा मौका है कि वे सरकारी नौकरी पाकर न केवल अपने भविष्य को सुरक्षित करें, बल्कि आदिवासी छात्रों के जीवन में भी सकारात्मक बदलाव ला सकें।