BREAKING NEWS

Breaking News
Find everything in one place! Get the latest updates on CBSE Board, All Boards Question Papers, Competitive Exams, Online Forms, Results, Admit Cards, Answer Keys, Syllabus, Career News, Sarkari Yojana, Scholarships, Sarkari Notices and more. Along with this, explore YouTube Content, Canva Creations (PPTs, Logos, Video Editing), Positive News, Birthday & Party Management Ideas, Property & Broker Updates, and many other useful resources. Stay connected with fast,🙏
LATEST JOB IN MONTH
Today Announcements:
Today Announcements:
• United India Insurance UIIC Apprentice Recruitment 2026 [153 Post] Apply OnlineApply Now• Engineers India Limited Recruitment 2025 Apply OnlineApply Now• RPSC Protection Officer Recruitment 2026, Eligibility, Fee, Last Date, Apply OnlineApply Now• UP Home Guard Correction/ Edit Form 2025 [Direct Link]Apply Now• RRB Section Controller Application Status 2025 Out Check for 368 PostApply Now• Bank of India Credit Office Recruitment 2025 {514 Post} Apply OnlineApply Now• DSSSB MTS Recruitment 2026 [714 Post] Apply Online, Multi Tasking StaffApply Now• RRB Isolated Categories Recruitment 2026 (311 Post) Apply OnlineApply Now
FM Rainbow India - Live Radio Player

FM Rainbow India - Live Radio

Click the button below to play or pause the live stream directly on this page.

NEW UPDATE IN CAREER INFORAMTION PORTAL

NHM MP Recruitment 2026 – National Health Mission Madhya Pradesh Last Date : 07 January 2026

NHM MP Recruitment 2026 – National Health Mission Madhya Pradesh N NHM MP Recrui...

Sample Papers 2025-26

CAREER UPDATE

Monday, August 25, 2025

संघ की शाखा के मुख्यशिक्षक से लेकर शीर्ष ख्यातिलबध अभिनेता तक का सफर रहा अमरीश पुरी का....

संघ की शाखा के मुख्यशिक्षक से लेकर शीर्ष ख्यातिलबध अभिनेता तक का सफर रहा अमरीश पुरी का....

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) आने वाली विजयदशमी को अपने 100 वर्ष पूरे करने जा 
रहा है। संघ ने अपनी इस यात्रा में देश सेवा के संस्कार लाखों-करोड़ों स्वयंसेवकों को दिए हैं। इन्हीं में से एक नाम है अमरीश पुरी का। अपनी कड़कती आवाज से पर्दे पर खलनायक की भूमिका निभाने वाले अमरीश पुरी को उनके दोस्त और जानने वाले बेहद सरल और अनुशासित इंसान बताते हैं।

अमरीश पुरी का यह अनुशासन और सरलता संघ के संस्कारों से गढ़ी हुई थी। आज कई लोग आपको संघ को धार्मिक कट्टरवाद से जोड़ते हुए दिख जाएँगे लेकिन अमरीश पुरी जैसे लोगों के लिए यह देशभक्ति की भावना का प्रतीक था। 22 जून 1932 को जन्मे अमरीश पुरी का बचपन पंजाब के नवांशहर की गलियों में बीता था। जब वह 14 वर्ष के हुए तो देश आजादी के दौर की ओर बढ़ रहा था। उसी दौरान अमरीश पुरी ने संघ की शाखा में राष्ट्र भक्ति का ककहरा सीखना शुरू किया था।

अमरीश पुरी ने अपनी आत्मकथा ‘जीवन का रंगमंच’ में संघ से जुड़े अपने अनुभव साझा किया है। पुरी लिखते हैं, “मैं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सदस्य भी बना था और मेरे आदर्श बहुत ऊँचे थे। इससे मेरी विचारधारा पूरी तरह बदल गयी थी और मैं इस व्यवसाय (बॉलीवुड) में कदम भी रखने के विरुद्ध था। मैं RSS की गतिविधियों में भाग लेने लगा था।”

उन्होंने लिखा, “बहुत ईमानदारी से कहूँगा कि मैं उनकी हिंदुत्व की विचारधारा की ओर आकर्षित हुआ था जिसके अनुसार हम हिंदू हैं और हमने हिंदुस्तान की विदेशी शक्तियों से रक्षा करनी है और इन्हें निकाल बाहर करना है, जिससे कि हम अपने देश पर शासन कर सकें। इसका धार्मिक कट्टरता के साथ कुछ संबंध नहीं था, यह मात्र देशभक्ति थी।”

जिन दिनों वह अपनी आत्मकथा भी लिख रहे थे और उन्हें तब भी संघ की प्रार्थना याद थी। वे लिखते हैं, “मुझे हमारी प्रार्थना याद है: नमस्ते सदा वात्सल्य मातृभूमि…। RSS के शिविरों और शाखाओं में संध्या के समय आज भी इस प्रार्थना का गायन होता है। स्वभावतः राष्ट्रवाद की उन भावनाओं में बहकर मैं इस सम्बन्ध में बहुत निश्चित और स्पष्ट था कि मुझे क्या करना है और क्या नहीं करना है।”

अमरीश पुरी की आत्मकथा

वह लिखते हैं, “मैं केवल 14 वर्ष का था जब मुझे युवा विभाग का प्रभारी बना दिया गया। विभाग अधिकारी के रूप में मुझे अन्य युवाओं को सैनिकों की भाँति प्रशिक्षण देना था। हम मात्र ‘हमारा भारत वर्ष’ के सन्दर्भ में सोचते थे। RSS में इस प्रकार के प्रशिक्षण ने मुझे उत्तरदायित्व की भावना से ओतप्रोत कर दिया था। केवल शाब्दिक अर्थ में ही मेरा यह उत्तरदायित्व पूर्ण नहीं था अपितु में सब व्यावहारिक रूप से कर रहा था और उसने मुझे बहुत अनुशासित कर दिया था।”

अमरीश पुरी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा था कि RSS की शाखाओं में यह सिखाया गया कि उन्हें यह सिखाया गया कि आपातकाल जैसे कठिन समय में कैसे व्यवहार करना है। कैसे सैकड़ों लोगों के समूह से एक ही समय में निपटना है। उनका मानना था कि इस प्रशिक्षण का असली उद्देश्य हिंदुत्व के प्रसार के साथ-साथ बेहतर भारत का निर्माण करना था। उन्होंने लिखा, ” मैं आत्मनिर्भर होने के विचित्र आनंद का अनुभव कर रहा था और यदि आप इसे अपनी युवावस्था में पा लेते हैं तो यह एक मादक एहसास होता है।”

अमरीश पुरी ने अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए कहा था कि संघ की शाखाओं में दैनिक सत्रों ने उन्हें समझाया कि स्वयंसेवक होने का अर्थ स्वयं सेवा, साथियों की सेवा और राष्ट्र की सेवा का प्रशिक्षण है। इन सत्रों के जरिए उनके अपरिपक्व मन में एक नई जागरूकता का संचार हुआ। उन्हें अलग-अलग तरीकों से व्यक्तित्व विकास की सही दिशा दी जाती रही।

उन्होंने स्वीकार किया था कि उनकी निष्ठा मुख्यत: शारीरिक प्रशिक्षण और भागीदारी तक सीमित रह लेकिन संघ की शाखाओं में स्वास्थ्य पर दिया गया जोर उनके जीवन की दिशा तय करने में बेहद महत्त्वपूर्ण साबित हुआ। शुरुआत में वे केवल अपनी उत्सुकता और कसरतों के चलते संघ की ओर खिंचे थे पर धीरे-धीरे राष्ट्र के लिए बलिदान की भावना ने उन्हें गहराई से प्रभावित किया। इसी दृढ़ता विश्वास से उनके व्यक्तित्व में सैनिक जैसा अनुशासन आ गया था।

पुरी लिखते हैं, “मैं पूरी ईमानदारी के साथ यह स्वीकार करता हूँ कि मेरी जीवन शैली, रंगमंच और फिल्मों में जो भी अनुशासन बोध दिखाई देता है, वह सब किशारोवस्था के दौरान RSS के साथ मेरे संपर्कों की देन है। जैसा कि कहा जाता है कि समान विचारधारा के लोग इकट्ठे हो जाते हैं, यह अपने आप में विचित्र संयोग ही था कि मेरे रंगमंच के गुरु पण्डित सत्यदेव दुबे भी एक समय RSS में जुड़े रहे हैं। वे मुझसे अक्सर कहते कि हमारी मानसिक अनुशासनबद्धता के कारण हम बचे हुए हैं।”

पाञ्चजन्य को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया था, “मैं संघ की ‘शाखा’ में इस कदर शामिल हो गया था कि मुझे ‘मुख्य शिक्षक’ बना दिया गया था। मेरा मानना है कि शाखा से जो ‘संस्कार’ मिले उन्होंने मेरे व्यक्तित्व और चरित्र को गढ़ने में बड़ी भूमिका निभाई। आज मैं फिल्म इंडस्ट्री का हिस्सा हूँ, जहाँ चरित्र का पतन सबसे ज्यादा है। मैं आज भी शुद्ध चरित्र वाला हूँ और इसका श्रेय सिर्फ संघ की शिक्षाओं को जाता है। फिल्म इंडस्ट्री के काम की वजह से भले ही मैं संघ की गतिविधियों में सक्रिय न रह पाऊँ लेकिन संघ के दिए हुए संस्कार हमेशा मेरे साथ रहेंगे।”

जब पुरी ने काली भैंस का दूध पीने से किया मना

अमरीश पुरी के जीवन के कई दिलचस्प किस्से हैं। इनमें एक किस्सा उनके बचपन से जुड़ा है। पुरी दिखने में अपने सभी भाई बहनों में दिखने में थोड़े काले थे। अपने काले रंग के चलते पुरी बचपन में खूब दूध पीने लगे थे। उन्हें लगता था कि वे अगर दूध पिएँगे तो उनका रंग गोरा हो जाएगा। एक बार पुरी ने भैंस देखी तो उन्होंने फिर दूध पीने से इनकार कर दिया। उन्हें लगने लगा कि काली भैंस का दूध पीकर तो उनका रंग और भी काला हो जाएगा। इसके बाद उन्होंने अपनी माँ से काली भैंस का दूध ना देने का आग्रह कर दिया था।

साभार : ऑप इंडिया व प्रवीण कुमार 

अपनी राष्ट्रवादी छवि और लॉबी ना बना पाने की आज से उन्हें कोई नामचीन पुरस्कार तो नहीं मिल पाया लेकिन दर्शकों का बेपनाह प्यार ऐसा मिला की लोग फिल्मी दुनिया के विलेन ‘मोगेम्बो’ से प्रेम करने लगे। हालाँकि, उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि संघ से मिले संस्कार केवल शाखा तक सीमित नहीं रहते बल्कि व्यक्ति के पूरे जीवन को आकार देते हैं। पर्दे पर चाहे उन्होंने खलनायक का किरदार निभाया हो लेकिन असल जिंदगी में वे अनुशासन, देशभक्ति और सादगी के प्रतीक बने रहे। संघ की शिक्षाएँ आजीवन उनके साथ रहीं।

अमरीश पुरी के अभिनय से सजी कुछ मशहूर फिल्मों में ‘निशांत’, ‘गाँधी’, ‘कुली’, ‘नगीना’, ‘राम लखन’, ‘त्रिदेव’, ‘फूल और कांटे’, ‘विश्वात्मा’, ‘दामिनी’, ‘करण अर्जुन’, ‘कोयला’ आदि शामिल हैं। उन्होंने अन्तर्राष्ट्रीय फिल्‍म ‘गाँधी’ में ‘खान’ की भूमिका भी निभाई थी। उनके जीवन की अंतिम फिल्‍म ‘किसना’ थी जो 2004 में ब्रेन ट्यूमर से हुई उनकी मौत के बाद 2005 में रिलीज हुई।

No comments:

Post a Comment

Please Comment

"Contact Us – Social Media"

Sarkari Result

Official Education Portal Header
Official Education Information Portal
MP GK Education Portal
MP GK – Madhya Pradesh General Knowledge
For MPPSC | MP Police | Patwari | Vyapam | School Exams