घटना का विवरण
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने खुफिया जानकारी के आधार पर मध्य प्रदेश के राजगढ़ जिले के ब्यावरा में सुबह साढ़े पांच बजे एक छापेमारी की। इस ऑपरेशन में कामरान कुरैशी, जो शहीद कॉलोनी में अपने परिवार के साथ रहता था, को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने उसके घर से कई संदिग्ध सामग्रियां और उसके पिता का मोबाइल फोन जब्त किया। कामरान की उम्र 20-25 साल के बीच बताई जा रही है, और वह अपने परिवार के वेल्डिंग व्यवसाय से जुड़ा था।
स्पेशल सेल के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (Additional CP) प्रमोद सिंह कुशवाहा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि यह ऑपरेशन एक पाकिस्तान समर्थित आतंकी मॉड्यूल को नष्ट करने के लिए था, जो "खिलाफत" मॉडल के तहत काम कर रहा था। इस मॉड्यूल का उद्देश्य भारत में बड़े पैमाने पर आतंकी हमले करना और हथियारों के साथ-साथ रासायनिक हथियार बनाने की तैयारी करना था। कामरान कुरैशी सहित पांच संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया, जिनमें दिल्ली से आफताब अंसारी और सूफियान अबूबकर, झारखंड के रांची से अशर दानिश, और तेलंगाना के निजामाबाद से हुजैफा यमन शामिल हैं।
कामरान कुरैशी कौन है?
कामरान कुरैशी ब्यावरा के शहीद कॉलोनी का निवासी है, जहां उसका परिवार एक वेल्डिंग की दुकान चलाता है। वह एक सामान्य परिवार से ताल्लुक रखता है, और उसके परिजनों ने दावा किया कि उन्हें उसकी गतिविधियों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। हालांकि, पुलिस जांच में पता चला कि कामरान एक आतंकी नेटवर्क का हिस्सा था, जो हथियार जुटाने और नए लोगों को भर्ती करने में सक्रिय था। उसका नाम हथियारों की खरीद से भी जुड़ा हुआ था।
कामरान की गिरफ्तारी सुबह के समय सिविल ड्रेस में पहुंची पुलिस की तीन गाड़ियों द्वारा की गई। पुलिस ने उसके घर से कई सामग्रियां जब्त कीं, जिनमें संदिग्ध रसायन और डिजिटल डिवाइस शामिल हैं। जांच में यह भी सामने आया कि कामरान ने "गजवा लीडर" नाम से एक आईडी बनाई थी, और वह अपने पाकिस्तानी हैंडलर के साथ सोशल मीडिया के जरिए संपर्क में था।
आतंकी मॉड्यूल का "खिलाफत" मॉडल
इस मामले में सबसे चिंताजनक पहलू यह है कि गिरफ्तार संदिग्ध एक "खिलाफत" मॉडल पर काम कर रहे थे। "खिलाफत" मॉडल का मतलब है एक क्षेत्र पर कब्जा करना और फिर वहां "जिहाद" को लागू करना। यह मॉडल पाकिस्तान से संचालित था, और इसके तहत संदिग्धों को निम्नलिखित कार्य सौंपे गए थे:
हथियार और रासायनिक हथियार बनाना: जांच में पकड़े गए लोगों के पास से सल्फर पाउडर, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, सोडियम बाइकार्बोनेट, पीएच चेकर, बॉल बेयरिंग, और IED (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) बनाने के लिए उपकरण बरामद किए गए। ये सभी सामग्रियां रासायनिक हथियार और बम बनाने में उपयोग हो सकती हैं।
लोगों को भर्ती करना: मॉड्यूल का एक उद्देश्य युवाओं को अपनी विचारधारा से जोड़ना और उन्हें आतंकी गतिविधियों के लिए तैयार करना था। इसके लिए वे "लश्कर" नामक एक टीम बना रहे थे, जिसका नेतृत्व अशर दानिश कर रहा था। दानिश, जो एक अंग्रेजी में पोस्टग्रेजुएट है, ने "गजवा" कोडनेम का इस्तेमाल किया और रांची में एक छात्र के रूप में छिपकर रह रहा था।
बड़े हमले की योजना: जांच से पता चला कि यह मॉड्यूल भारत में बड़े पैमाने पर आतंकी हमले की योजना बना रहा था। इसमें चुनिंदा लोगों की हत्या और विस्फोटक हमले शामिल थे।
जांच और बरामद सामग्री
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने इस ऑपरेशन में कई राज्यों में समन्वित छापेमारी की। कुल 11 लोगों को हिरासत में लिया गया, जिनमें से पांच को गिरफ्तार किया गया। बरामद सामग्रियों में शामिल हैं:
रासायनिक पदार्थ: सल्फर पाउडर, सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, सोडियम बाइकार्बोनेट।
विस्फोटक उपकरण: बॉल बेयरिंग, पीएच चेकर, तार, और IED बनाने के लिए उपकरण।
इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस: लैपटॉप, मोबाइल फोन, और मदरबोर्ड।
हथियार: एक पिस्तौल और कारतूस।
पुलिस ने बताया कि ये सामग्रियां रासायनिक हथियार और बम बनाने में उपयोगी थीं। इसके अलावा, डिजिटल डिवाइसों की जांच से यह पता चला कि संदिग्ध पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ लगातार संपर्क में थे।
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